योगी आदित्यनाथ- भगवा के प्रतीक
इनकी पीड़ा सिर्फ हाथरस पर शोर मचाना ही नही है। पीड़ा केवल जातिवाद भी नही है। पीड़ा सिर्फ राजनीति भी नही है, बल्कि इनकी पीड़ा इससे भी कहीं अधिक बढ़कर हैं। इनकी मुख्य पीड़ा भगवाधारी योगी हैं। ये स्वीकार ही नही कर पा रहे हैं आखिर भगवा वस्त्र पहना कोई व्यक्ति सत्ता पर आसीन कैसे हो सकता हैं। ये स्वीकार ही नही कर पा रहे आखिर तथाकथित सेक्युलर राष्ट्र में कोई भगवाधारी योगी सत्ता कैसे चला सकता हैं।
आप इनकी घृणित मानसिकता का अन्दाजा भी नही लगा नही सकते। जब-जब ये भगवा वस्त्र धारण किये योगी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा देखते हैं, तो इनके तनबदन में आग लग जाती है। ये इतने अधिक कुंठा में आ जाते है कि किसी भी हद को पार कर सकते हैं।
क्योंकि भगवा के प्रति इनकी घृणित, नफरती मानसिकता के मुताबिक इन्होंने वर्षो से भगवा को कुचला है। 70 वर्षो तक कांग्रेस ने, 100 वर्षो तक वामपंथ, 200 वर्षो तक वेटिकन, 500 वर्षो तक कट्टरपंथियों ने भगवा को लहूलुहान किया। आज भी जारी हैं। फिर इनके मुताबिक आखिर कैसे एक भगवा वस्त्रधारी सत्तासीन हो सकता है।
अतः पिछले तीन वर्षों से विरोधियों का पूरा तंत्र, इकोसिस्टम, नेक्सेस योगी को विभिन्न माध्यमों से बदनाम करने के लिए पूरी ताकत, पूरे सुनियोजित तरीको से षड्यंत्रपूर्वक लगा हुआ है, जिसमे राजनीतिक पार्टियों से लेकर मीडिया तथा विदेशी फंडिंग भी शामिल हैं।
मुख्य एजेंडा योगी सरकार को बदनाम कर सत्ता से उखाड़ फेंकना हैं। उनका मकसद केवल सरकार को नही बल्कि "भगवा" को दुनिया मे बदनाम करना है।

स्वीकार उन्होंने कभी मोदी को भी नही किया, कि कैसे एक चायवाला एलीट लुटियंस में सत्ता में आसीन हो गया। लेकिन देश की जनता ने मोदी के साथ खड़े होकर उनके मंसूबो को विफल कर दिया।
किन्तु क्या यूपी की जनता योगी के साथ खड़ी है ??...
ये फैसला यूपी की जनता को करना है.. देश की जनता योगी के साथ खड़ी है..
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